5 Such Mythological Superstitions Which Are Still Prevalent In India
By Just Real Info - अप्रैल 16, 2024
काली बिल्ली का रास्ता काट लेना - बिल्ली का रास्ता काट लेना एक पौराणिक अंधविश्वास है । या वास्तविकता सच्चाई यह तय कर पाना बहुत जटिल विषय है । क्योंकि पुराने मान्यताओं के अनुरूप देखा जाए। तो काली बिल्ली के रास्ता काट लेने से बहुत बड़ा अपसगुण माना जाता है। देखा जाय तो कुछ व्यक्ति इस विषय को बुरा वक्त का संकेत मानते है । और कुछ लोग इसे इग्नोर कर देते है । आइए आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम इस विषय के गहराई तक जाने का प्रयत्न करते हैं। कि क्या वास्तव में काला बिल्ली के रास्ता काट देने से क्या कोई हकीकत में अशुभ या अपसगुण होता है।
कुछ पौराणिक मान्यता जो आज भी प्रचलित है।
- बिल्ली का इंद्रियां बहुत ज्यादा तेज होता है । जिसके कारण भविष्य में घटित होने वाले हादसे को पहले से आंक लेते है । और अशुभ संकेत देने हेतु इशारा के रूप में रास्ता काट लेते है।
- प्राचीन मिस्र वासियों में भी यह मान्यता है। कि बिल्ली को बस्त नामक देवी का प्रतिरूप माना जाता था। क्योंकि देवी बस्त को अंधेरी रात और मृत्यु का देवी माना गया है।
- यह मान्यता यूरोपीय देशों में भी देखने को मिलता है। यूरोप में माना जाता है । कि बिल्ली चुड़ैल और काली साया का साथी है।
- हमारे भारत देश में भी काली बिल्ली के रास्ता काटने से बहुत से अशुभ और अनहोनी संकेत कि पौराणिक विचार आज भी है।
बिल्ली के रास्ता काटने से संबंधित कुछ सलाह
- यदि आपका भी रास्ता बिल्ली काट दे तो थोड़ा समय के लिए ठहर जाए। उसके बाद ही अपना मंजिल की ओर प्रस्थान करे।
- जब बिल्ली रास्ता काट दे तो आप अपने मन के विचार को सकारात्मक बनाए रखे ।
- आप उस समय मन में यह खयाल ले कि पहले भी रास्ता काटा था । लेकिन कोई भी अपसगुण नही हुआ।
- इस विषय से व्यर्थ में अपने मन को चिंतित होने से रोकने का प्रयास करें।
आखिर बिल्ली के रास्ता काटने के वैज्ञानिक कारण क्या है ।
वैज्ञानिक और आधुनिकता की नजर से देखा जाय तो उनका कहना है । कि आमतौर पर बिल्ली अपने खाने और अन्य कारणो से अपने रास्ते से चलते रहते है । कभी कभी मनुष्यो और बिल्ली के एक साधारण से मुलाकात या संयोग बन जाता है । जिस कारण से मनुष्य को लगता है । कि बिल्ली रास्ता काटती हैं ।
कुत्ते के झुंड का डरावने आवाज में रोना -
कुत्ते को सबसे ज्यादा वफादार पालतू जानवर माना गया है। और कुत्ता के पास बहुत से गुण होते है । जैसे कि श्रवण शक्ति , तीव्र देखने की शक्ति, सूघने और समझने की शक्ति । इसके साथ ही इनसे जुड़ी बहुत सारी अवधारणाएं और मान्यता आज भी है । जैसे कि कुत्ते का रोना अत्यंत अशुभ माना गया है। और कुछ लोग मानते है कि कुत्ते का रोना किसी महान विपत्ति की ओर इशारा करता है । इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि घर के दरवाजे के पास कुत्ता डरावनी आवाज के साथ रोता है तो इसे परिवार के सदस्यों के अनहोनी की ओर इंगित करता है। और कुछ लोग इन्हें दुर्भाग्य मानते है । आखिर कुत्ते के रोने से संबंधित में सच्चाई क्या है । आइए इस विषय पर विचार करते है।
मान्यता के अनुसार कुछ मुख्य कारण
- कुछ विचारधारा के लोगो का राय है कि कुत्ता के पास खास इन्द्रिय होने के कारण आत्माओं को देख सकते है। जिनके वजह से कुत्ता डर में रोता हैं ।
- कुत्ते किसी चोर या अपरचित व्यक्ति की उपस्थिति को पहले ही अंदाजा लगा लेते है। यह भी एक कारण हो सकता है।
- सुनसान जगह से कोई भी गुजरता है । और वहां पर कुत्ता का मौजूदगी होती है । तो वह डर से भी आवाज निकालने लगता है।
- जब कुत्ते अपने आप को असुरक्षित महसूस करते है तो स्वयं की सुरक्षा हेतु भी रात में रोने लगते है।
Important fact -
- कुत्ते के रोने के पौराणिक मान्यता का कोई भी वैज्ञानिक आधार प्रमाणित नहीं है। कुत्ते के रोने के अन्य अलग अलग कारण हो सकते है ।
- भूख,प्यास लगने की वजह से कुत्ते रो सकते है।
- किसी दर्द या बीमारी की तकलीफ के कहर में रोने जैसे आवाज कर सकते है।
- कुत्ते अपने आप को जब अकेला महसूस करता हो तब भी रो सकता है।
- कुत्ता जब किसी चीज से भयभीत हो तब की स्थिति में भी रोते है।
रात में उल्लू का डरावना आवाज- दोस्तो आप सभी तो उल्लू का आवाज कही न कही सुना ही होगा । सुनसान जगह से आप गुजर रहे होते है तो उनका आवाज बहुत ही डरावना होता है । उल्लू के आवाज को लेकर बहुत से मान्यताएं आज मौजूद है। कोई इसे अशुभ समाचार मानते है । तो कोई लोग इसे बहुत ही शुभ मानते है। वैसे तो उल्लू को मां लक्ष्मी जी का सवारी माना गया है। उल्लू का आवाज से बहुत लोग आज भी भयभीत रहते है। कहा जाता है कि जब उल्लू किसी के घर ऊपरी भाग में जब " हू हू अहा हु हू अहा" जैसे आवाज करते है । तो यह किसी परिवार जनों के अकाल मृत्यु का संदेश देती है। उल्लू को पौराणिक मान्यता में संदेश वाहिनी का नाम दिया गया है। क्योंकि उल्लू संदेश पहुंचाने का काम करती है। उल्लू के आवाज के पीछे का क्या तथ्य है । आइए इसे बारीकी से समझने का प्रयत्न करते है।
उल्लू का आवाज आखिर अशुभ क्यों माना जाता है
- ऐसा माना जाता है । कि उल्लू के अजीब और डरावनी आवाज करने से किसी की मरने की ओर इशारा करती है।
- कुछ पौराणिक मान्यताएं है कि उल्लू बुरी आत्माओं संदेश देती है।
- कुछ धर्मो में उल्लू को मृत्यु के देवता के साथ जोड़ा गया है ।
- कुछ लोग उल्लू के आवाज शुभ संकेत मानते है।
- हमारे हिंदू धर्म में उल्लू को माता लक्ष्मी का वाहन बताया गया है । जो धन की समृद्धि हेतु शुभ संकेत मानते है।
- कुछ लोग कहते है । कि उल्लू सकारात्मक संदेश देते है।
अचानक से तुलसी के पौधे का सुख जाना -
तुलसी का पौधा प्रायः प्रायः सभी के घरों में देखने को मिल जाता है । और हिंदू धर्म में तुलसी को देवी मानकर इनकी पूजा पाठ करते है। भारतिय त्यौहारों के दिन भी इनकी खास पूजा की जाती है । यह पौधा बहुत ही औषधि गुणों से भरपूर रहता है। लेकिन कुछ मान्यताओं के आधार पर देखे तो तुलसी के पौधे का अचानक से सुख जाना एक बुरा संकेत देता है। आइए इस पहलू को और बारीकी के साथ समझते है।
कुछ लोगो का मान्यता एवम अंधविश्वास -
- तुलसी के पौधे के संबंध में कुछ लोगो का कहना है । कि जब घर में कोई तंत्र टोटका हो तो पौधा मर जाता है।
- पौधा का अचानक से सुख जाना परिवार में विपत्ति का संकेत माना जाता है ।
- कहा जाता है कि जब पौधा जड़ सहित मर जाए तो घर में कोई विशेष अनहोनी होने को है।
- कुछ लोग कहते है । कि ग्रहों के प्रभाव से यह तुलसी का पौधा सुख जाता है।
लेकिन यह सभी बिंदु की बात किया जाय तो यह सिर्फ एक अंधविश्वास है । क्योंकि पौधे के सूखने के अनेकों और भी कारण हो सकते है । जैसे नीचे लिखे गए लेख का अवलोकन करे।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तुलसी के पौधा सुखना
- उचित रूप से देखभाल न होने के कारण भी पौधा सुख जाता है।
- कीट पतंग के द्वारा पत्तियों को खा के पौधे के शक्ति को कम कर देता है। जिसके वजह से भी पौधा मर सकता है।
- सही मात्रा में पानी और पोषण न मिलने के वजह से भी पौधे मुरझाकर मर सकते है।
- पौधे यदि अत्यधिक पुराना हो तो वे भी मर जाते है । क्योंकि इस सृष्टि में सब नश्वर है।
घर में चमगादड़ का बसेरा या मंडराना - क्या होता है । जब चमगादड़ का घर में बसेरा हो जाता है । या घर के आसपास मंडराने लगता है। दोस्तो बहुत सारे संस्कृतियों में चमगादड़ का मंडराना अशुभ माना गया है । क्योंकि इस विषय पर बहुत से अंधविश्वास आज भी देखने को मिलता है । कुछ लोगो का कहना है । जब चमगादड़ घर पर मंडराने लगते है तो बुरी साया का वास की ओर संकेत करता है । इसलिए पीछे का तथ्य क्या है । आइए इसे बारीकी से समझते है।
आखिर चमगादड़ का बसेरा अशुभ क्यों?
- चमगादड़ ऐसा जीव है । जो रात में विचरण करते है । साथ ही इनका निवास खंडहर जगहों, सुनसान, काफी अंधेरा जगह जैसे गुफाओं में होता है । इस कारण से माना जाता हैं कि चमगादड़ में बुरी आत्माओं का साया होता है।
- कुछ लोग चमगादड़ के मंडराने को किसी कष्ट या बीमारी का भी संकेत मानते है।
- चमगादड़ के बसेरे से घर में कलह विकार उत्पन्न होते है। ऐसा माना जाता है ।
- इसके अलावा यह भी कहना है कि चमगादड़ बहुत से कीट पतंग और जीव को खाते है । जिनके वजह से कई बीमारियां हो सकते है।
चमगादड़ के मंडराने का असली सच क्या है।
उपरोक्त सभी बिंदु सिर्फ एक मान्यता एवम अंधविश्वास है । यह अंधविश्वास का कोई पुख्ता सबूत नहीं है। इसके पीछे का वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समझते है ।
- चमगादड़ का मंडराना एक इस्तेफाक है। यह नजारा ज्यादातर गांव में दिखाई पड़ता है। चमगादड़ सुरक्षित जगहों सहारा लेना पसंद करते है । इसलिए घर के आसपास अक्सर मंडराते रहते है।
- चमगादड़ ज्यादातर कीट पतंग को खाना पसंद करते है। जिसके कारण आपके घर के आसपास मंडरा सकते है । क्योंकि उन्हें खाने की तलाश होती है।
- ठंड के मौसम में चमगादड़ गर्म स्थानों की तलाश करते है । जिसके कारण उन्हें घर के आसपास ऐसे वातावरण मिलने से मंडरा सकते है।
FAQ
कुत्ते का भौंकने का क्या मतलब है
कुत्ते क्यों भौंकते है
उल्लू रात में आवाज क्यों करते है
उल्लू के आवाज करने का क्या मतलब है
चमगादड़ शुभ है या अशुभ
चमगादड़ के मंडराने से क्या होता है।
काली बिल्ली के रास्ता काटने का क्या मतलब है।
बिल्ली का रास्ता काटना सही है या अशुभ
निष्कर्ष - याद रखे कि इस ब्रम्हांड में जितने भी जीव जंतु है । उन्हें किसी भी प्रकार के अपसगुण और अंधविश्वास के साथ न जोड़े क्योंकि यह सभी हमारे परिस्थिति तंत्र में बहुत ही अहम भूमिका निभाते है ।
टीप:- यह पोस्ट सिर्फ शिक्षा एवम जानकारी के उद्देश्यों हेतु बनाया गया है । हमारे द्वारा किसी भी अंधविश्वास को बढ़ावा नही देते।
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