राम नवमी हिंदू भारतीयों का पर्व - राम नवमी हिंदू वर्ष में प्रतिवर्ष अति हर्षउल्लास के साथ मनाए जाने वाला पर्व है। इस पुण्य तिथि को सभी हिंदू भारतिय अपनी आस्था और भक्ति के साथ मनाते है। यह राम नवमी का महान पर्व श्री रामचंद्र जी के जन्म का प्रमाण है । भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम एवम अधर्म पर धर्म का जीत माना जाता है । प्रति वर्ष राम नवमी चैत्र महीना के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। वर्तमान वर्ष में 17 तारीक 2024 को मनाया जाएगा ।जैसा कि आप सभी जानते हैं। कि श्री राम का जन्म अयोध्या नगरी में राजा दशरथ एवम माता कौशिल्या के घर जन्म लिया था। श्री राम विष्णु जी के अवतार माने जाते है । राम नवमी के दिन हमारे भारत देश के घरों में मंदिर देवालयों में दीपक प्रज्वलित किए जाते है। एवम समस्त हिंदू भारतीयों के घरों में दीपक और आरती सजाया जाता है । गांव शहर के चौक एवम मंदिरों में रामायण का पाठ किया जाता है । एवम गांव शहर में कलश यात्रा निकाल कर इस पावन तिथि को बहुत ही धूमधाम से मनाते है। राम नवमी का यह पवन त्यौहार हिंदुओ के लिए बहुत ही विशेष है। विस्तारपूर्वक जानकारी बिंदुवार दिए गए है।
रामनवमी उत्सव का महत्व - राम नवमी विशेष महत्व रखता है । क्योंकि यह राम जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। रावण अधर्मी का नाश करके धर्म पर विजय हासिल किए थे। इसी दिन भक्तजन राम के प्रति भक्ति व्यक्त करते है। और हमेशा सदाचार का संकल्प लेते है।
श्रीरामराज्य की स्थापना- राजा दशरथ ने अपनी पत्नी कैकई को वचन दिया था। कि वह अपनी इच्छा के अनुरूप दो वरदान मांग सकती है । जिसमे कैकयी के द्वारा इन्ही 2 वरदान का उपयोग करते हुए । भरत को राजसिहासन दिया और प्रभु राम को 14 वर्ष का वनवास दिया गया। जब प्रभु राम वनवास में थे । तब माता सीता का अपहरण लंकापति रावण के द्वारा कर लिया गया था। राम के द्वारा रावण का संहार करके जब अयोध्या पहुंचे । तब राम का राज्य अभिषेक किया गया । तभी से रामराज्य की स्थापना हुआ । राम राज्य में न्याय, समानता, सुरक्षा, शांति की विशेषताएं थी। यह एक आदर्श राज्य का शासन प्रभु राम के शासन काल कि व्यवस्था थी।
राम नवमी के दिन भक्तगण क्या करते है- राम नवमी के दिन भक्त अपनी आस्था के साथ पूजा अर्चना करते है। कलस यात्रा निकाला जाता है । कुछ लोग तो प्रभु राम का व्रत रखते हैं। इस दिन श्री राम का भजन और सुंदरकांड रामायण का पाठ करते है। कुछ जगहों में तो रामलीला का आयोजन किया जाता है। जिसमे राम के जीवन का घटना का प्रदर्सन करते है। इसके अलावा कथा,भंडारा और मेला का आयोजन भी किया जाता हैं।
श्री राम आदर्श पुरुष - भगवान श्री राम को रामायण में आदर्श पुरुष बताया गया है। जिनमे अनेकों प्रकार के गुण सम्मिलित है। और यहीं सभी गुण भगवन श्री राम को आदर्श पुरुष का सम्मान दिलाते है। प्रभिराम ने हमेशा अपने जीवन में मर्यादाओं का विशेष परिपालन किए। भगवान राम ने बड़े से बड़े कठिन परिस्थिति में भी अपने मर्यादाओं का उलंघन नही किया । श्री राम ने हमेशा धैर्यपूर्वक कार्य किए है। बहुत से दुःख दर्दों के पश्चात भी अपना धैर्य नहीं खोए। भगवान राम ने हमेशा अपने कर्तव्यों का निर्वहन किए । जो की अपने पिता के कहने पर 14 वर्ष का वनवास के लिए चले गए। और चौदह वर्ष का वनवास काटा। जो उनके कर्तव्यों एवम निष्ठा को प्रर्दशित करता हैं। भगवान श्री राम अत्यंत दयालु, क्षमाशील, साहसी थे। यही सभी गुण प्रभु राम को आदर्श पुरूष बनाते हैं। इस प्रकार हर मनुष्य इन गुणों और आदर्श को अपनाकर अपना जीवन सार्थक बना सकते हैं। और यही संदेश समाज को देने हेतु भगवान विष्णु इस धरा पर राम के रूप में अवतरित हुए थे।
राम नवमी से क्या संदेश मिलता है :- हमे सर्वदा अपनी धर्मो और कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। बलिदान और त्याग हेतु हमेशा तत्पर रहना चाहिए। और सभी के साथ चाहे दोस्त,भाई,परिवार,पड़ोसी सभी के साथ सत्भाव के साथ पेश आना चाहिए।
राम लला का मंदिर आस्था का केंद्र - अयोध्या में राम का भव्य मंदिर बनाया गया है। जो की भारत के लिए अत्यंत गौरव की बात है । इस मंदिर में राम लला का मूर्ति भी स्थापित किया गया है । इसका निर्माण 2020 से 2024 तक किया गया है। इस राम मंदिर 16 सताब्दी का है । 15 सताब्दी में मुगलों के द्वारा मस्जिद बना दिया था । उसके बाद 1992 में हिंदुओ के द्वारा मस्जिद को तोड़ दिया गया था। उसके बाद 2019 में कोर्ट के आदेशानुसार राम मंदिर बनाने की मंजूरी दिया गया। इस राम मंदिर को बनाने हेतु हमारे देश के हिंदुओ का बहुत बड़ा योगदान रहा । अब यह राम मंदिर का चर्चा पूरा विश्व में है । और भगवान राम का यह मंदिर अति मनोरम और सुंदर पर्यटन का भी केंद्र बना हुआ है । जहां श्रद्धालुगण पहुंच कर अपनी भक्ति और आस्था के साथ पूजा पाठ करके प्रभु राम के दर्शन प्राप्त करते है।
राम नवमी के दिन क्या करें-
राम नवमी के दिन प्रातः काल स्नान करके प्रभु राम जी का पूजा और मनन करे। रामायण का पाठ कर सकते है । मंदिरों में जाकर प्रभु को प्रसाद चढ़ाएं। और गरीबों को दान पुण्य करे। प्रभु राम का उपवास जरूर करे। ताकि भगवन श्री राम का कृपा सदैव बने रहे। अपने घरों को दीप से सजाए । और दूसरे लोगो को भी राम नवमी का जानकारी प्रदाय करे। जरूरतमंदों की सेवा करे। यह सब करने से आपको आत्म अनुभूति होगी । और राम जी भी प्रसन्न होंगे।
राम चरित्र मानस - भगवान राम के जीवन को दर्शाने वाले राम चरित्र मानस महाकाव्य का रचना तुलसीदास द्वारा 16 शताब्दी में किया गया था । ताकि राम के आदर्श जीवन का संदेश दे सके ।
जिसमे सात कांड में विभक्त किया गया है। राम चरित्र मानस एक महाकाव्य ही नही अपितु यह समस्त मनुष्यो को जीवन जीने की अर्थ समझाता है।
निष्कर्ष राम नवमी का हिंदुओ में बहुत ही गहरा प्रभाव है। और यह राम नवमी हमारे भारतीय संस्कृति के हिंदुओ का बहुत बड़ा हिस्सा है।
दोस्तो आज का ये हमारा लेख कैसा लगा । यह जानकारी रामायण पर आधारित है।
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