­
­
बसंत पंचमी 2025 वसंत के रंगो में बसी खुशियों की शुरुआत । Basant Panchami 2025 A New Beginning of Joy in the Colors of Spring - Just Real Info

बसंत पंचमी 2025 वसंत के रंगो में बसी खुशियों की शुरुआत । Basant Panchami 2025 A New Beginning of Joy in the Colors of Spring

By Just Real Info - जनवरी 31, 2025


Basant panchmi 2025 , basant panchmi image
Image soarce: pixel.com (ujjawal Roy)


बसंत पंचमी
बसंत पंचमी हमारे हिंदुस्तान का एक महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक माना जाता है। बसंत पंचमी का त्यौंहार मांघ माह के पंचम तिथि में मनाया जाता है। बसंत पंचमी 2025 में 02 फरवरी को मनाया जाएगा। बसंत पंचमी का यह त्यौंहार हमारे पर्यावरण एवम प्रकृति में परिवर्तन लेके आता है। जो हर जीव प्राणी के नए जीवन का कामना लेकर आता है। बसंत ऋतु के यह त्यौंहार माता सरस्वती को समर्पित रहता है। क्योंकि देवी सरस्वती को बुद्धि, विद्या, वाणी की देवी के नाम से जाना जाता है।

क्यों मनाया जाता है ? बसंत पंचमी
मां सरस्वती के जन्म दिन इसी तिथि को मनाया जाता है। इसी दिन मां सरस्वती जन्म लिए थे। और उन्होंने अपनी संगीत और वाणी से इस प्रकृति को एक नया स्वर दिया था।

इस पुण्य तिथि के बाद हमारा प्रकृति में बसंत ऋतु का आगमन होता है। इस समय पर्यावरण बहुत खूबसूरत रूप में सुसज्जित हो जाते है। बाग खिल उठते है, पेड़ पौधे में नए पत्तियां बलखाती है। एवम चारो तरफ प्रकृति का सुगंध फैल जाता है।

इसके अलावा मां सरस्वती को ज्ञान विद्या और वाणी की देवी कहा गया है । इसलिए इस समय समस्त विद्यार्थी मां सरस्वती की पूजा अर्जना करते है और आशीर्वाद प्राप्त करते है। और अपने उज्ज्वल भविष्य की कामना करते है।

बसंत पंचमी के दिवस को अत्यंत सुबह माना गया है। इस पावन तिथि में लोग नए कार्यों व नए व्यवसाय का प्रारंभ करते है।


Basant panchmi 2025 , basant panchmi image spring time
Img:pixabay.com (long phung)

बसंत पंचमी त्यौंहार क्यों मनाया जाता है ?
हमारे भारत के पौराणिक कथाओं एवम हिंदू ग्रंथो में बसंत पंचमी का उल्लेख मिलता है। जब इस सृष्टि का भगवान ब्रम्हा द्वारा रचना किया गया तब समस्त ब्रह्माण्ड एवम प्रकृति पूरी तरह से मौन व शांत था। किसी भी जब जंतु, पासी पक्षी में स्वर एवम वाणी नही था । तब ब्रह्मा जी ने धारण किए हुए कमंडल के जल का छींटा धरती पर मारा तभी मां सरस्वती प्रकट हुई। और अपने वीना से मधुर संगीत निकाल कर इस प्रकृति को नया स्वर दिया । एवम ज्ञान और विद्या भी समस्त प्रकृति में फैलाया। इसी पुण्य तिथि को यादगार बनाने हेतु इस तिथि में बसंत पंचमी मनाया जाता है।

बसंत पंचमी का प्रतीक क्या है
बसंत पंचमी ज्ञान, विद्या, वाणी स्वर का प्रतीक है। क्योंकि इसी पावन तिथि में प्राणियों में यह सब गुण मिला था। इसके अलावा ज्ञान प्रकाश और ऊर्जा का भी प्रतीक बसंत पंचमी को माना जाता है।

बसंत पंचमी का क्या अर्थ है ?
बसंत पंचमी का अर्थ दो शब्दो के मिलन से बना हुआ है । पहला है बसंत यानी की बसंत ऋतु एवम पंचमी का अर्थ पंचम तिथि । इस तरह से इसका पूर्ण अर्थ बसंत ऋतु का पांचवा दिन है। यह बसंत पंचमी प्रकृति ने बसंत ऋतु का आगमन है । जो पूरे समस्त प्राणी जगत को उत्साह और उमंग से भर देता है।
Basant panchmi 2025 , basant panchmi image spring time saraswati photo
Img:pixel.com (smith salani)

बसंत पंचमी का त्यौंहार कैसे मनाते है ?
बसंत पंचमी का दिन ज्ञान और प्रकृति में सौंदर्य का याद दिलाता है। यह दिन उत्साह और उमंगों से भर जाता है। इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनकर मां सरस्वती की पूजा पाठ करते है। एवम देवी को पुष्प ,आम की मौर, पीले सरसो का फूल , नारियल, जल, दूब अर्पित करते है। और अपने सफल जीवन की कामना करते है। इसके अलावा लोग इस दिन दूसरो को विद्या सिखाते हैं। गरीबों को दान पुण्य किया जाता है । और गांव और शहरो मे कई तरह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

बसंत पंचमी का वैज्ञानिक आधार पर महत्व
मौसम का परिवर्तन होना बसंत पंचमी का वैज्ञानिक आधार पर महत्व माना जाता है। इस समय पर्यावरण सकारात्मकता पूर्ण रूप से संचार होता है। जिससे स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव माना जाता है। मां सरस्वती को प्रसन्न करने का यह पुण्य दिन मन में प्रसन्नता, एकाग्रता की शक्ति, एवम स्मरण शक्ति को बढ़ाती है। मौसम अत्यधिक सुखद होने के कारण स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलता है।


बसंत पंचमी का धार्मिक महत्व
 यह दिवस सरस्वती माता को समर्पित होने के कारण स्कूल के विद्यार्थी, शिक्षक, संगीत कलाकार इस पावन दिन में विशेष पूजा पाठ करते है । और देवी का आशीर्वाद करते है। क्योंकि सरस्वती मां ज्ञान, विद्या, वाणी का देवी कही गई है। इस दिन लोग पीले कपड़े पहनते है । क्योंकि पीले रंग को अत्यंत शुभ और पवित्र कहा गया है। इसके अलावा इस दिन पतंग उड़ाने का कार्यक्रम भी करते है । क्योंकि यह उन्नति की ओर संकेत करता है। बसंत पंचमी का का त्यौंहार हिंदू धर्म को प्रकृति के साथ जोड़ता है। जो हमारे जीवन में विशेष बदलाव, खुशियां और उत्साह लेकर आता है।

बसंत पंचमी की हिंदी शुभकामनाए true line

  • बसंत पंचमी का यह पावन पर्व पर आपको और आपके सह परिवार को ढेर सारी शुभकामनाएं। आपका जीवन अत्यंत शुभ हो।         

  • बसंत पंचमी के पावन तिथि पर मां सरस्वती का कृपा हमेशा बनी रहे । और आपके जीवन में नए अच्छे परिवर्तन आए।

  • बसंत पंचमी की तहे दिल से आपको हार्दिक बधाई। आपके जीवन में सुख और समृद्धि का संचार हो।

  • बसंत ऋतु के इस पंचम तिथि में आपका जीवन रंग व खुशहाली से भर जाए। हैपी बसंत पंचमी 

  • बसंत पंचमी की पुण्य तिथि में मां सरस्वती की कृपा आप पर सदैव बनी रहे। बसंत पंचमी का आपको और परिवार वालो को ढेर सारी सहृदय शुभकामनाएं।

यह बसंत पंचमी की सभी शूभकामनाएं आप अपने सह मित्र और परिवार जनों को बधाई देने हेतु प्रेषित कर सकते हो।
Basant panchmi ki shubhkamanayen basant panchmi 2025
Img soarce: pixel.com (Kolkatar Chobiwala)

बसंत पंचमी कौन कौन से राज्य में मनाया जाता है।
बसंत पंचमी हमारे पूरा भारत देशों में मनाया जाता है । लेकिन कुछ ऐसे राज्य भी है जहां पर विशेष रूप से बसंत पंचमी के इस पुण्य तिथि को मनाया जाता है। कोलकाता में इस दिन को मां शारदा पूजा के नाम से जानते है एवम पूजा पाठ करते है। मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरी भारत एवम पश्चिमी भारत में मनाया जाता है। इस दिन कई जगह सरस्वती पूजा, बसंत पंचमी, शारदा पूजा, वसंत पंचमी के नाम से पूजा करते है। यह दिन प्रकृति का उत्सव का दिन होता है । इसलिए पूरे भारत वर्ष में बसंत ऋतु के आगमन में बसंत पंचमी का त्यौंहार पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है।

निष्कर्ष
बसंत पंचमी केवल पर्व ही नही अपितु बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। यह हमे समृद्धि, ज्ञान, विद्या की ओर बड़ने का नया अवसर देता है। यह हमारे भारत देश के अनेकों रंग बिरंगे पहलुओं को उजागर करता है। बसंत पंचमी हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है । क्योंकि यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव प्रदान करता है। आइए इस वर्ष भी बड़ी धूमधाम से बसंत पंचमी को मनाएं। आप सभी को बसंत पंचमी की सहृदय हार्दिक शुभकामनाएं और ढेर सारी बधाईयां ।








  • Share:

You Might Also Like

0 Comments