हनुमान चालीसा का चमत्कार: जानिए कैसे यह आपकी जिंदगी बदल सकता है | Hanumaan Chalisha

By Just Real Info - फ़रवरी 14, 2025

हनुमान चालीसा का चमत्कार: जानिए कैसे यह मंत्र आपकी जिंदगी बदल सकता है | Hanumaan Chalisa 


क्या आपने कभी अपने जीवन में यह महसूस किया है कि जीवन बहुत ही चुनौतियों से भरा हुआ है । जैसे आपको कोई विशेष प्रकार की शक्ति या कोई देवी शक्ति का जरूरत हो। क्या आप यकीन करोगे कि मैं यदि आपसे कहूं कि एक 40 श्लोक वाला भजन हैं । जो कई सदियों से लाखों करोड़ों लोगों को बाधाओं से मुक्त हो रहे हैं । एवं मनुष्य में आंतरिक शांति प्राप्त कर रहे हैं। इस चमत्कारी भजन का नाम है हनुमान चालीसा एक ऐसा भजन एक ऐसी चालीसा जो सिर्फ एक आध्यात्मिक भजन नहीं है बल्कि मनुष्य जीवन में एक परिवर्तन लाने का मंत्र है।

यदि आप भगवान हनुमान के भक्त हो या कोई प्राचीन मित्रों की शक्तियों के बारे में जानने की इच्छा रखते हो तो यह हमारा ब्लॉग पोस्ट आपको हनुमान चालीसा के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगा एवं हनुमान चालीसा के इतिहास उनके लाभ और वास्तविक जीवन में किस प्रकार से प्रभाव डालता है। इस पर विस्तृत रूप से लेख लिखा गया है तो चलिए आगे बढ़ते हैं।

हनुमान चालीसा क्या है 

हनुमान चालीसा की वस्तविकता 

हनुमान चालीसा यह प्रभु बजरंगबली को पूर्ण रूप से समर्पित है। यह हनुमान चालीसा 40 श्लोक वाला एक भक्ति भजन है जो की शक्ति निष्ठा और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। हनुमान चालीसा को 16वीं शताब्दी में भारत के महान संत कवि तुलसी दास द्वारा अवध भाषा में रचना किया गया था। लेकिन सबसे ज्यादा मजेदार की बात यह है कि यह सिर्फ एक प्रार्थना ही नहीं बल्कि यह एक अध्यात्म शक्ति का बहुत बड़ा स्रोत है। जिसमें जीवन का रहस्य छिपा हुआ है।
संत कवि तुलसीदास जिनके द्वारा जो है रामचरितमानस का रचना किया गया इस हनुमान चालीसा को उन्होंने स्वयं के व्यक्तिगत कठिनाइयां संघर्षों के मध्य लिखा था। पुराने ग्रंथ एवं वेदों में बताया गया है कि कभी तुलसीदास को एक मुगल सम्राट ने बंदी बना लिया गया था। तुलसीदास ने कैद में रहते हुए भी अपने अटूट विश्वास और भक्ति के साथ उन्होंने भगवान हनुमान की कृपा को पाने हेतु इस हनुमान चालीसा की रचना किया। रचना पूर्ण होने के पश्चात एक दिन जहां पर तुलसीदास की कैद थे वहां कुछ बंदरों का झुंड आया और उसे कैदखाना में उत्पाद मचाने लगे। जिसे देख मुगल सम्राट ने तुलसीदास जी को उसे कैदखाना से उन्हें मुक्त किया। यह सिर्फ एक संयोग नहीं था बल्कि सच्चे अर्थो में देखा जाय तो किसी देवी शक्ति से कुछ काम नहीं था।

हनुमान चालीसा क्यों महत्वपूर्ण है 

कलयुग का यह तेजी से चलता हुआ दुनिया में सभी मानव तनाव चिंता भय से ग्रसित है। और यह अभी के जीवन में बहुत ही आम बात हो चुका है। तुलसीदास द्वारा रचना किया गया यह हनुमान चालीसा हमें आंतरिक शक्तियों से जोड़ता है और एक शांति का युक्ति प्रदान करता है। यह सिर्फ धर्म की बात नहीं है बल्कि सार्वभौमिक ऊर्जा की बात है जो विश्व की सीमाओं को भी पार कर सकती है।

हनुमान चालीसा को जप करने से क्या लाभ होते हैं 

मनोबल और साहस में वृद्धि होता है 

जीवन में आ रहे हैं मुश्किलें एवं चुनौतियां कभी भी इंसान को आगे बढ़ने का मौका नहीं देता है। हनुमान चालीसा एक आधार है जो मनुष्य अपना दैनिक कार्यों से समय निकालकर निश्चित रूप से एवं नियमित रूप से इस हनुमान चालीसा का जाप करता है तो उनके जीवन में जरूर खुशहाली आएगा। यह हनुमान चालीसा आपको आध्यात्मिक रूप से जोड़ता है और जब आप बार-बार इस हनुमान चालीसा को जप करते हैं तो यह आपके दिमाग में कंठस्थ हो जाता है और फल स्वरुप आपको हनुमान चालीसा का फायदा होने लगता है।

सकारात्मक और आत्म शांति की अनुभूति 

क्या अभी आप अपने आप को चकित महसूस कर रहे हैं। हनुमान चालीसा का शुद्ध एवं नियमित जप करने से मन पर शांति का प्रभाव डालता है। यह बिल्कुल एक ध्यान की तरह ही है जो हर इंसान को नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर बढ़ने में मदद करता है।

नकारात्मकता शक्ति से सुरक्षा 

महान लोगों का मानना है कि हनुमान चालीसा को सच्चे मन से पढ़ने या जप करने से आपके चारों ओर एक सुरक्षा का कवच तैयार हो जाता है। जिसे किसी भी बुरी आत्मा, नकारात्मकता शक्ति नहीं भेद सकता। हनुमान चालीसा अपने भक्तों को पूरा सुरक्षा प्रदान करता है।

भय या भयंकर स्थिति से छुटकारा 

हनुमान चालीसा एक बहुत बड़ा शक्ति है। जिसे जप करके डर और भयंकर स्थिति से छुटकारा पाया जा सकता है । जो हनुमान चालीसा का पाठ करता है । उन्हें कभी कोई बुरी आत्मा या शक्तियों से डर नहीं लगता है।

बुरी नजर और संकट से रक्षा  


हनुमान चालीसा जो रोज सच्चे मन से पाठ करता हो  उन्हें कोई भी संकट या किसी की बुरी नजर छू भी नहीं सकता । चाहे जो भी स्थिति आ जाए हनुमान जी को याद कर या उनका चालीसा पढ़ लिया जाए तो बुरी नजर एवं संकट स्वतः समाप्त हो जाता है।

रोग मुक्त एवं स्वास्थ्य समस्या 

हनुमान चालीसा के नियमित पाठ करने से मानसिक एवं शारीरिक बीमारियां की स्थिति में सुधार मिलता है। एवं स्वास्थ्य समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

सुख एवं शांति 

तुलसीदास द्वारा रचित या चालीसा को ध्यान में लाने से एवं नियमित बजरंग बली के पूजा पाठ करने से घर में शांति का माहौल बना रहता है । और घर में सुख का वास होने लगता है।

सफलता और मार्ग प्रशस्त 

हनुमान चालीसा को अपने जीवन में उतारने से सफलता एवं नए मार्ग बन जाते है। हनुमान की यह चालीसा बहुत ही शक्ति शाली है । जो आपके जीवन में सफलता का द्वार खोल सकता है।

हनुमान चालीसा का जाप कैसे करें ? 

शांत जगह का चयन - सबसे पहले शांति जगह का चयन करे। और सुबह और संध्या का समय हनुमान चालीसा का जाप करें।शुद्ध आचरण का पालन 

हनुमान चालीसा पाठ हेतु अच्छे आचरण बहुत मायने रखता है। इसलिए स्वच्छ कपड़े एवं स्नान के पश्चात ही पाठ करे।

धूप दीप प्रज्वलित 
अपने हनुमान पाठ के समय दीप प्रज्वलित करके अगरबत्ती एवं धूप जरूर जलाएं। इससे सकारात्मकता आता है।

मांस मंदिरा वर्जित 

हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले को कभी भी मांस मंदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि मदिरा से ध्यान में बाधा आता है। और मांस सेवन से शरीर अवसाद से ग्रसित हो जाते है। 

हनुमान जी का मूर्ति साथ रखे

शनिवार और मंगलवार का दिन को अत्यंत शुभ माना गया है । इसलिए इसी दिन अपना पाठ जरूर करे। और हनुमान का फोटो या मूर्ति का ध्यान करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करे। 

भक्ति और श्रद्धा का भाव
हनुमान चालीसा को पढ़ने से कुछ नहीं होगा यदि भक्त के मन में श्रद्धा और भक्ति भाव नहीं है। उदाहरण के लिए हनुमान ने प्रभु राम को पाने के लिए कठिन भक्ति किया।

शुरुवाती लोगों के लिए सुझाव

जो अभी अभी हनुमान चालीसा को ध्यान में लाए है उन्हें गुलशन कुमार एवं ms सुबुलक्ष्मी का भक्ति गीत सुने । इससे आपको हनुमान चालीसा याद भी होगा । और आपका हनुमान चालीसा में ध्यान भी बना रहेगा।


शुद्ध हनुमान चालीसा अर्थ सहित 


॥ दोहा ॥

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥


अर्थ - मैं अपने मन रूपी दर्पण को श्री गुरु के चरण कमलों की धूल से शुद्ध करके, श्री रघुवीर (भगवान राम) के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) प्रदान करने वाले हैं।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥

अर्थ - मैं अपने आप को बुद्धिहीन जानकर पवनपुत्र हनुमान जी का स्मरण करता हूँ। हे हनुमान जी, मुझे बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करो और मेरे सभी दुखों और विकारों को दूर करो।

॥ चौपाई ॥

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥

अर्थ - हे ज्ञान और गुणों के सागर हनुमान जी, आपकी जय हो। हे कपिराज (वानरों के राजा), आपकी जय हो, जो तीनों लोकों में प्रसिद्ध हैं।

राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥

अर्थ - आप श्री राम के दूत हैं और अतुलित बल के धाम हैं। आप अंजनी के पुत्र और पवनदेव के पुत्र हैं।

महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी॥

अर्थ - हे महावीर, विक्रमशील और बजरंगी (मजबूत शरीर वाले) हनुमान जी, आप बुरी बुद्धि को दूर करते हैं और अच्छी बुद्धि के साथी हैं।

कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुंचित केसा॥

अर्थ - आपका शरीर सुनहरे रंग का है और आप सुंदर वेशभूषा में सजे हुए हैं। आपके कानों में कुंडल हैं और आपके बाल घुंघराले हैं।


हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै॥

अर्थ - आपके हाथ में वज्र (गदा) और ध्वजा शोभायमान है। आपके कंधे पर मूँज का जनेऊ सुशोभित है।

संकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग बन्दन॥

अर्थ - आप भगवान शंकर के अवतार और केसरी के पुत्र हैं। आपका तेज और प्रताप संपूर्ण जगत में प्रसिद्ध है।

विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर॥

अर्थ - आप विद्यावान, गुणवान और अत्यंत चतुर हैं। आप श्री राम के कार्यों को करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया॥

अर्थ - आप श्री राम के चरित्र को सुनने में रुचि रखते हैं और श्री राम, लक्ष्मण और सीता आपके हृदय में बसते हैं।


सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा॥

अर्थ - आपने सूक्ष्म रूप धारण करके सीता जी को दर्शन दिए और विशाल रूप धारण करके लंका को जलाया।
भीम रूप धरि असुर सँहारे। रामचंद्र के काज सँवारे॥

लाय सजीवन लखन जियाए। श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥

अर्थ - आप संजीवनी बूटी लेकर आए और लक्ष्मण जी को जीवित किया, जिससे श्री रघुवीर (राम) प्रसन्न हुए और आपको हृदय से लगाया।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥

अर्थ - श्री राम ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा कि तुम मेरे प्रिय हैं और भरत के समान भाई हो।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥

अर्थ - हजारों मुख आपकी महिमा का गान करते हैं, ऐसा कहकर श्री राम ने आपको गले लगाया।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा॥

अर्थ - सनक, सनन्दन आदि ऋषि, ब्रह्मा, मुनि, नारद, सरस्वती और शेषनाग सभी आपकी स्तुति करते हैं।

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते। कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥

अर्थ - यम, कुबेर और दिग्पाल भी आपकी महिमा का वर्णन नहीं कर सकते, फिर कवि और विद्वान क्या कह सकते हैं?

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा॥

अर्थ - आपने सुग्रीव पर उपकार किया और श्री राम से मिलाकर उन्हें राज्य प्रदान किया।

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना॥

अर्थ - आपके मंत्र को विभीषण ने माना और वह लंका का राजा बना, यह सारा संसार जानता है।

जुग सहस्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥

अर्थ - आपने सूर्य को हज़ारों योजन दूर से मीठा फल समझकर निगल लिया।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गए अचरज नाहीं॥

अर्थ - आपने श्री राम की अंगूठी को मुख में रखकर समुद्र को पार किया, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है।

दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥

अर्थ - संसार के सभी कठिन कार्य आपकी कृपा से सरल हो जाते हैं।

राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥

अर्थ - आप श्री राम के द्वार के रक्षक हैं, आपकी आज्ञा के बिना कोई प्रवेश नहीं कर सकता।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डर ना॥

अर्थ - जो भी आपकी शरण में आता है, वह सभी सुख प्राप्त करता है। आप रक्षक हैं, इसलिए किसी को डर नहीं है।

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हाँक तें काँपै॥

अर्थ - आप अपने तेज को स्वयं संभालते हैं। आपकी हाँक से तीनों लोक काँप उठते हैं।

भूत पिसाच निकट नहिं आवैं। महाबीर जब नाम सुनावैं॥

अर्थ - जब आपका नाम सुनाया जाता है, तो भूत-पिशाच निकट नहीं आते।

नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा॥

अर्थ - हे वीर हनुमान, आपका निरंतर जप करने से सभी रोग और पीड़ा दूर हो जाते हैं।


संकट तें हनुमान छुड़ावैं। मन क्रम वचन ध्यान जो लावैं॥

अर्थ - जो भी मन, कर्म और वचन से आपका ध्यान करता है, उसे आप संकट से मुक्त कर देते हैं।


सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा॥

अर्थ - श्री राम सभी के लिए तपस्वी राजा हैं, और उनके सभी कार्यों को आपने सफल बनाया है।

और मनोरथ जो कोई लावै। सोई अमित जीवन फल पावै॥

अर्थ - जो भी कोई मनोरथ लेकर आपकी शरण में आता है, वह अमृत फल प्राप्त करता है।

चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा॥

अर्थ - चारों युगों में आपका प्रताप है और आपकी कीर्ति संसार को प्रकाशित करती है।

साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे॥

अर्थ - आप साधु-संतों के रक्षक हैं और राक्षसों के विनाशक हैं। आप श्री राम के प्रिय हैं।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता॥

अर्थ - आप अष्ट सिद्धि और नौ निधि के दाता हैं। यह वरदान जानकी माता (सीता) ने आपको दिया है।

राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा॥

अर्थ - आपके पास श्री राम का प्रेम रूपी अमृत है। आप सदैव श्री रघुपति के दास बने रहें।

तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै॥

अर्थ - आपके भजन से श्री राम प्राप्त होते हैं और जन्म-जन्म के दुख दूर हो जाते हैं।

अंत काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई॥

अर्थ - अंत समय में श्री रघुवीर (राम) के धाम को प्राप्त होकर, वहाँ जन्म लेकर हरि-भक्त कहलाएँ।

और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्व सुख करई॥

अर्थ - अन्य देवताओं का चित्त न करके, हनुमान जी की सेवा से सभी सुख प्राप्त होते हैं।

संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥

अर्थ -  हनुमान जी का स्मरण करता है, उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं और सभी पीड़ाएँ मिट जाती हैं।


जय जय जय हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरु देव की नाईं॥

अर्थ - हे हनुमान गोसाईं, आपकी जय हो। हे गुरुदेव, मुझ पर कृपा करो।


जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महा सुख होई॥

अर्थ - जो कोई इस चालीसा का सौ बार पाठ करता है, वह सभी बंधनों से मुक्त होकर महान सुख प्राप्त करता है।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा॥

अर्थ - जो कोई भी हनुमान चालीसा का पाठ करता है।  उसे सिद्धि (सफलता, शक्ति, और आध्यात्मिक उपलब्धियाँ) प्राप्त होती है, और उसकी प्रतिष्ठा (साख) बढ़ती है।

॥ दोहा ॥

पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥

अर्थ - हे पवनपुत्र हनुमान जी, आप संकटों को दूर करने वाले और कल्याणकारी हैं। श्री राम, लक्ष्मण और सीता जी के साथ मेरे हृदय में निवास करें। 
व्याख्या - deepseek chat 

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वास्तविक कहानी की सच्चाई हनुमान चालीसा ने कैसी बदली जिंदगियां 


प्रथम कहानी - महिला को भूत पकड़ना 

एक गांव में एक परिवार रहता था । जिनका परिवार खुशियों से भरा हुआ था। लेकिन कुछ जलनखोर इंसानों ने उनके पत्नी पर जादू क्रिया करके प्रेत बैठा दिया था। जिसके कारण भूत उन पर सवार होने लगे। बहुत पैसा बर्बाद किया इलाज के लिए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एक दिन उसके पति को हनुमान जी का याद आया । उसकी पत्नी को जब भी भूत पकड़ता था । तब वह अपने मोबाइल में हनुमान चालीसा लगाकर उसके कानो के रख देता था। इसी प्रकार नियमित रूप से करते गए । आखिरकार उसका भूत से पीछा छूट गया। और उनका परिवार फिर से खुशियों से भर गया।

द्वितीय कहानी - बुरी आत्मा ने किया शरीर में प्रवेश

ग्राम पंचायत सुरीले की बात है वहां सामाजिक टीम कुछ जांच हेतु पंचायत में ठहरा हुआ था। लेकिन उसमें जो हेड था । वह एक अकेले रूम में सोने चला गया। उसका नींद पड़ने ही वाला था । अचानक से बुरी शक्ति, आत्मा उनके शरीर पर प्रवेश किया । प्रवेश करते ही पहाड़ से भी ज्यादा उसका शरीर वजन सा हो गया। वह चिल्लाना भी चाहता था । लेकिन उसके मुंह से आवाज भी नहीं निकल पा रहा था। हनुमान जी की कृपा से उनको बजरंगबली याद आया । और वह तीन बार हनुमान का नाम पुकारा । उसके बाद वो बुरी शक्ति उनके शरीर को छोड़ दिया। लेकिन जितना वजन उसके प्रवेश होने में लगा था। उससे कही ज्यादा शरीर छोड़ने पर हुआ । मानो पहाड़ के वजन से धरती पर गाड़ दिया हो। हनुमान का फिर से नाम लेकर वह अपने दोस्तों के पास गया । और अपने साथियों को यह घटना बताया। और उनका टीम वहां से चले गए।

हनुमान का powerful मंत्र 

ॐ हनुमते नमः 
ॐ ऐं भ्रिम हनुमते नमः श्री राम दूताए नमः 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQ 

हनुमान चालीसा पाठ करने का अच्छा समय क्या है ? 

हनुमान चालीसा हेतु आदर्श समय प्रातः काल एवं सायं काल है। हालांकि कोई भी समय पढ़ सकते हो। बस मानसिक शांति की जरूरत होगी।

हनुमान चालीसा को गैर हिंदू जप कर सकते है ?

जी हां हनुमान चालीसा सार्वभौमिक प्रार्थना है। इसका जाप विश्व में निवास कर रहे कोई भी मनुष्य कर सकता हैं।

क्या मासिक धर्म के दौरान हनुमान चालीसा पढ़ सकते है ?

मासिक धर्म के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए। लेकिन मन में श्रद्धा के साथ मनन जरूर कर सकते है।

हनुमान चालीसा कितने बार पढ़ना चाहिए ?

हनुमान चालीसा पढ़ने का संख्या कोई निश्चित नहीं है । इसे 1 , 7 , 11, 108, 1008, से भी ज्यादा पढ़ या जप कर सकते हैं। लेकिन आप पाठ करते है तो इसे 40 दिन तक पढ़ा जा सकता है। एक निश्चित दैनिक  या साप्ताहिक आवृत्ति में ।

हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या फायदा होता है ?

हनुमान चालीसा पढ़ने से मनोबल बढ़ता है। भूत पिशाच कोषों दूर रहता है। घर में क्लेश बाधा नहीं रहता है। और मानसिक तनाव दूर होता है।

निष्कर्ष 

हनुमान चालीसा को अपने जीवन में अपनाए यह सिर्फ दोहा या भजन नहीं बल्कि उन लोगों के लिए एक जीवन रेखा है जो सुख शांति और दैवीय शक्ति की खोज में है। 
यह ब्लॉग जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हमारे द्वारा कोई भी अंधविश्वास और चमत्कार को बढ़ावा नहीं दिया जाता है। यदि हमारे सामग्री से आपका कंटेंट मेल खाता है तो इसे सिर्फ और सिर्फ संयोग माना जाय।

क्यों न हनुमान चालीसा चालीसा का पाठ करे। और देखते है कि यह आपके जीवन में कितना प्रभावशील है। और यदिआप पहले से हनुमान चालीसा के बारे में जानते है । कमेंट जरूर करे। और इस पोस्ट को अपने परिवार और साथियों को जरूर भेजे।

जय श्री हनुमान जय श्री राम 

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